महिलाओं की  योगिक डाइट – Mahilaon kee Yogic diet

आइए समझते हैं कि महिलाओं के लिए कस्टमाइज्ड योगिक डाइट की आवश्यकता क्यों है ?

वर्तमान में महिलाएं समाज में बहुत सारी भूमिकाओं का एक साथ निर्वहन कर रही हैं  | कुछ महिलाओं के लिए वर्क- लाइफ बैलेंस एक तनाव के रूप में है तो वही जो हाउसवाइफ है उनके लिए घर को संभालना एक चुनौती है | वे महिलाएं भी हैं जिन्होंने स्वयं के लिए अकेला रहना चुना है या तो विवाह के उपरांत या विवाह ना करते हुए | समाज में महिलाओं को जो बहुआयामी कार्य करने पड़ रहे हैं उसके कारण भी उनमें तनाव का स्तर कम या अधिक किंतु बना रहता है | वर्तमान परिपेक्ष में महिलाएं स्वयं के लिए समय भी नहीं निकल पा रही हैं इस सूचना क्रांति के दौर में बहुत सी सूचनाओं हैं जो की सर्व सामान्य जन के लिए है, किंतु उनका व्यक्ति विशेष की निजी आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं बनाया गया है | वस्तु स्थिति तो यह है कि प्रत्येक व्यक्ति की परिस्थितियाँ भिन्न है एवं प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताऐ भी भिन्न-भिन्न

है | वर्तमान समय की अति व्यस्त जीवन शैली भी महिलाओं के स्वास्थ्य की गिरावट का एक कारण है | इसके ऊपर असंगत भोजन, न्यूट्रिशन,आयरन एवं मिनरल्स की कमी महिलाओं में पैदा कर देता है | इसका कुल परिणाम यह होता है कि सामान्य तौर से महिलाओं के स्वास्थ्य में गिरावट देखी गई है | वह शारीरिक एवं मानसिक दोनों स्तरों पर समग्र रूप से स्वस्थ नहीं है |

साथ ही साथ विभिन्न बीमारियां जैसे की डिप्रेशन, डायबिटीज,ब्लड प्रेशर, ओबेसिटी,ऑस्टियोपोरोसिस, पीसीओडी,हार्मोनल इंबैलेंस, थायराइड आधुनिक महिलाओं में काफी सामान्य हो गई हैं | असामान्य मेंस्ट्रूअल साइकिल, मेंस्ट्रूअल पेन, प्री मेंस्ट्रूअल पेन,एक्ने एनीमिया इत्यादि वर्तमान आधुनिक महिलाओं के जीवन का हिस्सा सा बन गए हैं | यही असंतुलन आगे चलकर चिड़चिड़ापन, मानसिक अवसाद, तनाव थकान महिलाओं के अधिक मानसिक असंतुलन का कारण भी बन जाते हैं |

वर्तमान आधुनिक महिलाएं क्विक फिक्स समाधानों के रूप में एलोपैथिक मेडिसिन पर निर्भर होने लगती है,जो कि उपरोक्त वर्णित रोगों को कम करने या दूर करने का दावा करती हैं | परिणाम यह होता है कि महिलाओं को हैवी डोसेस एवं पेनकिलर्स पर निर्भर होना पड़ता है | इस निर्भरता की वजह से दूसरी अन्य शारीरिक एवं मानसिक समस्याएं पैदा होने लगती हैं |

इन समस्याओं के निदान में लाइफ़स्टाइल मोडिफिकेशन अर्थात जीवन शैली संबंधित नैसर्गिक बदलाव प्रथम पंक्ति का उपयोगी उपकरण है |

योग, संतुलित पौष्टिक आहार के द्वारा उपरोक्त वर्णित समस्याओं के निदान में सहायता मिल सकती है | योगिक डाइट महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | हार्मोनल इमबैलेंस संबंधी समस्याओं के निदान में तो योग एवं योगिक न्यूट्रिशन एक चमत्कारी समाधान के रूप में कार्य करता है |

योगवास  में हम योग विज्ञान, न्यूट्रिशन विज्ञान तथा आयुर्वेद आधारित फूड प्लांस बनाते हैं जिससे कि महिलाओं को संपूर्ण पोषण की प्राप्ति हो सके | हम महिलाओं को उनके दैनिक जीवन में छोटे-छोटे भोजन संबंधित बदलाव करने के लिए प्रेरित करते हैं,जिससे उनके स्वास्थ्य का संवर्धन हो सके | हमारी टीम बहुत ही आसान तरीकों से महिलाओं की न्यूट्रिशन आवश्यकताओं की पूर्ति आसानी से आत्मसात किया जाने वाले योगिक फूड प्लांस के माध्यम से करती है | हमारा उद्देश्य है कि महिलाओं को समग्र स्वास्थ्य की प्राप्ति हो सके |

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