योग के प्रश्न उत्तर-Yog ke prashna uttar
योग के निम्नलिखित प्रश्न- उत्तर आपके योगाभ्यास को आरंभ करने में न केवल रुचि पैदा करेंगे, बल्कि किसी भी प्रकार के संदेह को मिटाने में भी सहायक सिद्ध होंगे | योग संबंधी यह प्रश्न – उत्तर योग के सभी विद्यार्थियों के लिए हैं | हमारे योग के यह प्रश्न उत्तर योग विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है |
योग क्या होता है ?
योग मन,मस्तिष्क,शरीर सांसों के मिलन की एक ऐसी स्थिति है जहां व्यक्ति अपनी पूर्णता में सचेतन रूप से उपस्थित है |
क्या योग आसन से मोटापा कम होता है?
योग आसन सही तकनीक एवं सही विन्यास से करा जाने वाला अभ्यास है। इससे योग के विद्यार्थी में एक ठहराव आता है, मस्तिष्क में एक शांति की स्थापना होती है, शरीर आसनों के अभ्यास की निरंतरता पर प्रतिक्रिया देने लगता है। इसके प्रतिफल में शारीरिक सौष्ठव बढ़ने लगता है। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में शरीर अनचाही चर्बी को छोड़ देता है एवं मोटापा नैसर्गिक रूप से कम हो जाता है।
मैं स्वयं को योग करने से रोकता हूँ, मुझे यह काफी उबाऊ लगता है?
योग आसनों के अभ्यास में बहुत सारी विविधताऐं की जा सकती है। एक स्तर के आसनों में दक्षता आने के पश्चात् योग गुरू स्वयं ही विद्यार्थी को अगले स्तर पर ले जाता है। योग कभी भी उबाऊ हो ही नहीं सकता बल्कि निरंतर अभ्यास से जैसे ही विद्यार्थी को सर्वांगीण लाभों की प्राप्ति होती है तो वह योग के प्रति और अधिक आश्वस्थ हो जाते है।
क्या योग करने से शरीर में दर्द होता है?
योग आसनों, से शरीर की अकड़न दूर होती है एवं शरीर में लचीलापन आता है। इस लचीलेपन से शरीर में यदि कहीं भी दर्द है तो वह दूर होता है। योगाभ्यास से शरीर एवं मन में चिरशांति की स्थापना होती है। अत: योगाभ्यास से दर्द दूर होता है।
मुझे जिम/पैदल चलना/दौड़ना इत्यादि पसंद है अत: में योग नहीं करना चाहता?
सभी व्यायामों के स्वयं के फायदें एवं महत्व है यदि जिम जाना, पैदल चलना, दौड़ना इत्यादि पसंद है तो भी सही है किंतु यदि शरीर, मन एवं मस्तिष्क में चिरशांति एवं समत्व चाहिए तो एकमात्र योग ही इसका उत्तर है।
मुझे भय है कि योग में चोट लग सकती है क्योंकि मैं इतने कठिन आसन नहीं कर सकता/सकती?
योगभ्यास में नैसर्गिक रूप से शारीरिक सौष्ठवता आती है। योग में चोट लगती ही नहीं है यदि योग किसी योग्य गुरू के सानिध्य में किया जाए। दैनिक दिनचर्या में लोग जिस तरह बैठते हैं, शारीरिक भाव भंगिमाऐं रखते हैं उससे चोट की संभावना बनी रहती है। योग से तो शारीरिक एवं मानसिक सधापना एवं समत्व आता है।
मैं मेडिटेशन करता हूँ/करती हूँ। क्या मुझे फिर भी योग की आवश्यकता है?
मेडिटेशन में अधिक सक्षमता लाने हेतु ही योग आसनों की आवश्यकता होती है। आसनों के अभ्यास में हम शारीरिक मुद्रा, श्वास, प्रश्वास, श्वास के रोकने, तकनीक इत्यादि पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इससे हमारा मस्तिष्क अधिक एकाग्रचित एवं शांत होता है। आसन साधक को उस स्तर का मेडिटेशन पाने में सक्षम बनाते हैं जैसे कि साधक ने कभी सोचा भी ना था।
क्या पावर योगा, योगा की श्रेष्ठ श्रेणी है?
पावर योगा के नाम से मुझे कभी भी कोई अधिकृत योगा स्कूल नहीं मिला। पावर योगा नया-नया गढा हुआ शब्द है जो कि शायद मीडिया या किसी ऐसे योगा टीचर ने बनाया होगा जिसे योग की गहनता एवं प्राचीनता का ज्ञान नहीं होगा एवं जो जल्द से जल्द योगा सिखाने की चाहत में होगा, या फिर इस चाहत में कि उसके विद्यार्थियों को जल्द से जल्द योगा आ जाए। पावर योगा नाम की किसी वस्तु का भारत के प्राचीनतम् योगियों एवं मनीषियों ने कहीं भी उल्लेख नहीं किया है। अत: वस्तुत: पावर योगा योग की कोई भी श्रेणी नहीं है। योग में स्थिरता होती है अनवरत गति नहीं।
क्या हम हमारी इम्यूनिटि (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को योग के द्वारा बढा सकते हैं?
योग आसनों के अभ्यास में शरीर की सूक्ष्मतम् शिराओं के माध्यम से ऊर्जा का प्रवाह होता है। योग हमारी कोशिकाओं के स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यदि हम योग आसन, प्राणायाम, ध्यान (मेडिटेशन) को हमारी दिनचर्या का अंग बना लें, निश्चित रूप से योग से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटि) बढ़ जाएगी।
ऑनलाइन योगा क्लास के क्या लाभ है?
यद्पि ऑनलाइन योगा क्लास वर्तमान समय की आवश्यकता बन चुकी है तद्पि इसका सकारात्मक प्रभाव ही रहा है। ऑनलाइन योगा से आप अपने घर/दफ्तर या कहीं से भी योगा अपने समय के अनुरूप कर सकते हैं, आपका आने-जाने का समय हर हाल में बच सकता है जिसे आप किसी अन्य कार्य में दे सकते हैं। आप अपने योगा गुरू की स्क्रीन के ठीक सामने होते है। इससे आपके आसनों की किसी भी त्रुटी को योगा गुरू द्वारा निर्देश देकर सही किया जा सकता है।
क्या योग खाली पेट किया जा सकता है।
यदि आप योग प्रात: काल के समय कर रहे हैं तो खाली पेट योग कर सकते हैं।
योग के क्या लाभ है?
योग प्राचीनतम् भारतीय विज्ञान है। योग प्राचीन भारत के ॠषि, मुनि एवं योगियों के सामूहिक ज्ञान का परिणाम है। योगाभ्यास से शरीर एवं मस्तिष्क में समत्व आता है। योग से प्राणवायु में समानता एवं दीर्घता आती है, इससे हमारे शरीर के आंतरिक अंग एवं विभिन्न ग्रंथियाँ पूर्णतया स्वस्थ रहती हैं। योग से शरीर एवं मस्तिष्क में चिरशांति स्थापित होती है। अत: योग से स्वास्थ्य की समग्रता की प्राप्ति होती है।
योग करने का समय क्या होना चाहिए?
आपका कोई भी समय योग करने हेतु उचित होता है। बस यह ध्यान रखना है कि हमारा भोजन योग करते समय पचा हुआ होना चाहिए।
योग करते समय किन-किन बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए?
कुछ बिंदु जो आपको योगाभ्यास में ध्यान रखने चाहिए :- भोजन करने एवं योगाभ्यास के मध्य उचित अंतराल होना चाहिए, सदैव योग योगामैट पर एवं समतल सतह पर करें, योगाभ्यास से पूर्व यदि स्नान कर लें तो इससे त्वचा के छिद्र खुलेंगे एवं आसनों हेतु आवश्यक खिचाव भी मिलेगा, योगाभ्यास के पश्चात् भी स्नान करने से नवीनता का आभास होगा। उपरोक्त बिंदु आपको आपके स्वास्थ्य के लक्ष्य की प्राप्ति में सहयोग करेंगे।
किस उम्र के व्यक्ति योग कर सकते हैं?
योग 4 वर्ष की उम्र से लेकर 100 वर्ष से अधिक के व्यक्ति कर सकते हैं। योग आसनों का विन्यास निर्धारण एवं संरचना व्यक्ति विशेष की शारीरिक क्षमता के अनुसार किया जाता है |
क्या गर्भस्थ महिला योग कर सकती है?
हाँ गर्भस्थ महिला योग कर सकती हैं। किंतु ये योगाभ्यास केवल सुयोग्य योग गुरू के निर्देशन एवं सानिध्य में ही किया जाना चाहिए।
मैंने योग कभी नहीं किया, मैं इसे कैसे आरंभ कर सकता है?/सकती हूँ?
आप कभी भी प्रारंभिक स्तर के आसनों के साथ हमारी ऑनलाइन योग कक्षाओं में सम्मिलित हो सकते हैं। ये ऑनलाइन प्रारंभिक स्तर के आसनों का संचालन हम उन्हीं व्यक्तियों के लिए करते हैं जिन्होंने कभी भी योग नहीं किया होता किंतु वे योग करना चाहते हैं जिससे उन्हें योग के लाभों की प्राप्ति हो सके।
क्या भिन्न रूप से सक्षम/दिव्यांग व्यक्ति योग कर सकते हैंं?
हाँ, योग के आसानों एवं अन्य विधाओं को दिव्यांग व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक आवश्यकता के अनुसार परिष्कृत किया जा सकता है। किंतु ऐसे योग साधकों को सदैव प्रशिक्षित योग गुरू के निर्देशन में ही योग करना चाहिए। निश्चित ही दिव्यांग व्यक्तियों को योग से अतुलनीय लाभ होंगे।
ऑनलाइन योगा क्लास के क्या लाभ है?
यद्पि ऑनलाइन योगा क्लास वर्तमान समय की आवश्यकता बन चुकी है तद्पि इसका सकारात्मक प्रभाव ही रहा है। ऑनलाइन योगा से आप अपने घर/दफ्तर या कहीं से भी योगा अपने समय के अनुरूप कर सकते हैं, आपका आने-जाने का समय हर हाल में बच सकता है जिसे आप किसी अन्य कार्य में दे सकते हैं। आप अपने योगा गुरू की स्क्रीन के ठीक सामने होते है। इससे आपके आसनों की किसी भी त्रुटी को योगा गुरू द्वारा निर्देश देकर सही किया जा सकता है।
मैं ऑनलाइन योगा कैसे सीख सकता/सकती हूँ?
योगावास के द्वारा आपको एक वैबलिकं उपलब्ध करवाया जाएगा जिसके माध्यम से आप विश्वन में कहीं से भी हमारी ऑनलाइन योग कक्षाऐं एन्ड्राइड मोबाइल, लेपटॉप, टेबलेट, आईपैड, स्मार्ट टीवी के माध्यम से कर सकते हैं।