योगावास के बारे में

 

योगावास में पाइये योग और स्वास्थ्य- Yog aur Swasthya

 

योगावास एक ऐसा प्रयास है जिससे प्रेरित हो आम जन भी थोड़ा सा समय निकाल कर, थोड़े से प्रयत्न से समग्र स्वास्थ्य का लाभ ले सकें। जैसा कि नाम से ही विदित है, योगावास का अर्थ हुआ, जहां योग का वास हो। यानी जहां योग बसता हो। तो सबसे पहले तो यह समझना आवश्यक है कि आखिर हमारे जीवन में योग का वास क्यों होना चाहिए। योग के अनुशासन में एक निरन्तरता है जिसके मूल में प्राचीन भारत के ऋषि मुनियों की जिज्ञासा और उसके अनुरूप  किए गए गहन अध्ययन का समावेश है। इस गहन अध्ययन और ध्यान के अभ्यास के द्वारा ही हमारे ऋषि चैतन्यता को प्राप्त कर सके। इसी चेतन की स्थिति से ही उन्हें आनंदमय और अर्थपूर्ण जीवन के रहस्य की कुंजी प्राप्त हुई। योगावास का उद्देश्य भी यही है कि इस योग चेतना का संचरण प्रत्येक व्यक्ति के  जीवन में हो और हम सभी, एक सार्थक, सम्पूर्ण, आनंदमय जीवन जी सकें। हमारा उद्देश्य है कि ज्ञान योग द्वारा हम लोगों के जीवन में भावनात्मक समन्वय और आध्यात्मिक उत्थान ला सकें।

योगावास में हमारा प्रयास यह भी है कि हम लोगों का साक्षात्कार उस योग से करवा सकें जिसका उल्लेख भगवान श्री कृष्ण ने भगवद गीता में किया है। भगवद गीता (2.50) में प्रभु श्री कृष्ण कहते हैं, “योगः कर्मसु कौशल” अर्थात कर्म में कौशल ही योग है। हमारी योग आधारित विभिन्न गतिविधियों में भी यही भाव अंतर्निहित है। हमारी इन योग कार्यक्रमों का यही उद्देश्य है कि व्यक्ति जीवन जीने का कौशलसीखे, और मन को नियंत्रित करना सीखे। योगावास के कार्यक्रम व्यक्ति को कार्यकुशल बनाते हैं।

तो हम योग के इन सभी लाभों को कैसे स्थापित करते हैं? हम यह करते हैं योग दर्शन पर आधारित अपने विभिन्न योग कार्यक्रमों के द्वारा।

  • हम सभी आयु वर्ग के लोगों को योग आसन सिखाते हैं
  • विभिन्न रोगों के लिए यौगिक उपचार देते हैं
  • तनाव कम करने हेतु योगानुरूप आहार और मानसिक परामर्श देते हैं
yoga therapy for all

ऋषि से मिलें ,सह संस्थापक योगावास

सह संस्थापक का संदेश
नमस्कार,
मैं ऋषि सिंह, योगावास का सहसंस्थापक हूँ। अपने परिचय के साथ ही एक छोटी सी बात यह कहना चाहता हूँ बल्कि यूं कहूँ कि बताना चाहता हूँ कि योगावास नामक इस मंच कि शुरुआत हमने क्यों की। योगावास का अर्थ है, ‘जहां योग का वास हो और योग का अर्थ है योग का अभ्यास। मेरा अनुभव और विश्वास यह कहता है कि नित्य के जीवन में योग का अभ्यास बहुत ही आवश्यक है। इसे करना ही चाहिए क्योंकि योग ही वह प्राचीनतरीका है जो हमें सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाए रखता है।लेकिन लोगों के जीवन में हम इस सम्पूर्ण स्वास्थ्य को लाते कैसे हैं? तो इसके लिए हम उन्हें योग के ऐसे प्राचीन तरीके सिखाते हैं जिन्हें अपने जीवन में वे सरलता से उतार सकें। अच्छा स्वास्थ्य होगा तब ही लोग ईश्वर द्वारा रचित इस सुंदर संसार कि सुंदरता का सही मायनों में आनंद उठा पाएंगे और उन सभी दुखों और परेशानियों को दूर कर पाएंगे जो इस संसार में उन्हें लगता है कि विभिन्न रूपों में हैं।

योगावास में हम इस समग्र स्वास्थ्य को प्राप्त करने में मदद कैसे करते हैं? हम इसके लिए बहुत ही सरल सुगम रास्ते सुझाते हैं।पहला तो यही कि हम शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योगासनों कि प्राचीन विधियाँ सिखाते हैं। हम उन्हें यौगिक आहार को अपने प्रतिदिन के जीवन में शामिल करने के विषय में बताते हैं। यह हम अपने ऑनलाइन योग प्रशिक्षण प्लेटफॉर्म द्वारा करते हैं। स्टूडेंट्स ऑन लाइन कक्षाओं या फिर विशेष रूप से उनके लिए तैयार योग प्रोग्राम में से चुन सकते हैं। दूसरा हम उन्हें अछे मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्राचीन ध्यान विधियाँ सिखाते हैं और तीसरा यह कि हम स्ट्रेस मैनजमेंट हेतु अनुभवी और शिक्षित द्वारा काउंसेलिंग भी उपलब्ध करवाते हैं।

हमारा उद्देश्य एवं दृष्टिकोण

हमारा उद्देश्य है की धरती के सभी मनुष्य योग को अपनी दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बना पाऐ |
मेरा उद्देश्य है कि योग को इस धरा के अधिकतम् व्यक्तियों तक पहुँचा सकूँ। इससे उनके जीवन में सकारात्मक एवं सार्थक परिवर्तन आएगा | . योगावास के योग प्रोग्राम्स के निम्नलिखित मुख्य बिंदु हैं :

मेडिटेशन

“प्रत्येक आत्मा में दिव्यता होती है। उद्देश्य यही है कि आंतरिक रूप से इस दिव्यता का प्रादुर्भाव हो जाए। यह संभव है जब अपनी प्रकृति को आंतरिक एवं बाह्य दोनों ओर से स्वयं वष में कर लिया जाए।” ….स्वामी विवेकानन्द |हम आपको मार्ग का इशारा देंगे कि कैसे आप स्वयं की सर्वोच्च चेतना के द्वारा अपने शरीर एवं मस्तिष्क को सदैव संचालित कर सकते हैं ।

बुद्धिमत्ता

हमारी यौगिक विधाओं के माध्यम से आप आपके मस्तिष्क में आने वाले विचारों पर नजर रख पायेंगे। अपने विचारों पर नजर रखने की कला के द्वारा आपके मनस में सात्विक विचार आऐंगे, मस्तिष्क में सात्विक ऊर्जा का अनवरत प्रवाह रहेगा। इससे आपका सर्वांगीण विकास होगा। आपके व्यक्तित्व में समग्रता आयेंगी।

अमृतमगमय

हमारे द्वारा परिष्कृत यौगिक अभ्यास की विधियों द्वारा आप सीख पायेंगे कि कैसे अपने शरीर, मस्तिष्क, विचारों को शुद्धतम बनाए रखा जा सकता है एवं अमृतमगमय की ओर बढ़ा जा सकता है |

योगावास से योग को आत्मसात करने के 6 कारण

विश्व्स्तरीय योग संस्थान से प्रशस्ति पत्र प्राप्त

ॠषि ने विश्‍वस्तरीय योग संस्थान जो कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित है एवं योगा अलायंस से भी पंजीकृत है से योग शिक्षक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

योगिक न्यूट्रिशन पर केंद्रित

हम योगिक न्यूट्रिशन की सेवाएं देते हैं, जो कि श्रेष्ठतम स्वास्थ्य की प्राप्ति हेतु आवश्यक है |

सक्षम व्यक्ति विशेष का निर्माण

हमारे प्रोफेशनल काउंसलिंग साइकोथेरेपी सेशंस के माध्यम से हम व्यक्ति विशेष को सक्षम बनाते हैं |

योग का गहनतम् ज्ञान

योग के प्रति गहनतम् लगाव के साथ-साथ ॠषि को योग आसन, प्राणायाम एवं ध्यान (मेडिटेशन) का भी गहन ज्ञान है।

प्रतिबद्धता

योगवास के योग गुरु योग  के ज्ञान के जिज्ञासु विद्यार्थियों के प्रति  सदैव अतिरूचि रखते है।

योग जीवन शैली के एक अभिन्नन अंग के रूप में

योग हमारे लिए जीवन शैली का एक अभिन्‍न अंग है। हमारी योग कक्षाओं के माध्यम से आप भी इस पुरातन योग के विज्ञान को स्वयं के जीवन का एक अभिन्‍न अंग बना पाऐंगे।

हमारा उद्देश्य

हमारा उद्देश्य

सभी मनुष्यों को चाहे वह किसी भी जाति, वर्ग, लिंग धर्म के ही क्यों ना हो | योग को दैनिक दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाने हेतु प्रेरित करना |

हमारा दृष्टिकोण

हमारा दृष्टिकोण

सभी मनुष्य योग को जीवनशैली के रूप में आत्मसात कर सकें |

हमारे मूल्य

हमारे मूल्य

सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, कार्य के प्रति समर्पण, निरंतरता, सामानता, लगन, प्रतिबद्धता एवं ईश्वर प्रनिधान: |