योग से युवाओं को फायदे
योग के फायदे युवाओं को – Yog ke fayde yuvaon ko – (20+ years)
योग से युवाओं को होने वाले स्वास्थ्य लाभ | योग से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी लाभ विशेषत: युवाओं में योग को अनुशासन एवं निरंतरता के साथ करने से निश्चित रूप से अमूल्य लाभ प्राप्त होते हैं। योग मानवीय जीवन को श्रेष्ठतम् की ओर अग्रसर करने वाली विद्या है। पढिये योग से कैसे व्याधि मुक्त शरीर की प्राप्ति हो सकती है।
1. वर्तमान समय में भारत का युवा वर्ग बीमारियों का सामना कर रहा है, क्योंकि उनकी जीवनशैलि ठीक नहीं है।
2. योग के द्वारा साधक स्वयं की कोशिका के स्तर पर परिवर्तन लाने की क्षमता विकसित कर सकता है जिससे स्वास्थ्य की समग्रता की प्राप्ति हो सके।
हमारे देश में 18 वर्ष एवं उससे ऊपर के सभी व्यक्ति अडल्ट श्रेणी में आते हैं। इन युवाओं के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने में योग अप्रत्याशित रूप से लाभदायक सिद्ध हो सकता है। हमारे देश के इन युवाओं में खराब जीवनशैली होने के कारण कई बीमारियाँ होने लगी है जैसे डायबिटीज। भारत डायबिटीज की वैश्विक राजधानी बनता जा रहा है। बहुत से युवा जिनकी उम्र 35 या उससे अधिक है रक्तचाप की दवाइयाँ ले रहे हैं, पीठ का दर्द जनसाधारण में आमतौर से रहने लगा है, महिलाओं में पी.सी.ओ.डी. बहुतायत में होता जा रहा है, हृदय संबंधी बीमारियाँ 35 वर्ष में ही होने लगी है।
हमारी जीवनशैली पर यदि हम थोड़ा ध्यान दें तो पाऐंगे कि वहाँ पर थोड़े से सकारात्मक बदलाव से हम उपरोक्त समस्याओं पर पार पाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। मोबाइल फोन, स्मार्ट टी.वी एवं एैसे ही अन्य साधनों के कारण हमारा युवा एक प्रकार की वर्चुअल लत का शिकार हो चुका है। समाज का खुशी का पैमाना भी इस कारण नीचे की ओर आया है।
प्रौढ के रूप में हम लोग इस बात के साक्षी रहे हैं कि जब एैसे वर्चुअल गैजेट्स जब कम थे तो अधिक समय खेलकूद एवं शारीरिक गतिविधियों में जाता था। हमारे प्रौढ एवं युवाओं को मिलकर यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि युवाओं को इस वर्चुअल मायाजाल से निकाला जाए। गौतम बुद्ध ने भी कहा है ‘‘आत्मदीपो भव:’’ अर्थात् आप ही को अपना दीपक बनना पड़ेगा एवं सही राह पर चलना पड़ेगा। यह भी मानवीय जीवन की एक सर्वोच्च अवस्था है एवं योग इस स्थिति को प्राप्त करने का सर्वोच्च साधन है। योग जब अपनी समग्रता के साथ सीखा जाए एवं अभ्यास में लाया जाए तब हम जीवन की वास्तविक समस्याओं को ना सिफ पहचान सकेंगे बल्कि उनका समाधान भी सहजता से कर पाऐंगे। अष्टांग योग के यम एवं नियमों के द्वारा युवा स्वयं के जीवन में ना सिफ श्रेष्ठ नियम बना पाऐंगे बल्कि स्वयं के सिद्धांतों की पालना भी कड़ाई से कर पाऐंगे। इस प्रकार योग जीवन में सफलता की प्राप्ति में सहायक होगा। आसनों एवं प्राणायाम के द्वारा युवा धरती के गुरूत्वाकर्षण को काम में लेते हुए शरीर एवं मस्तिष्क के मध्य समत्व की स्थापना कर पाऐंगे। पेट संबंधी विभिन्न विकार भी वर्तमान समय के युवाओं की एक समस्या है। प्राचीन ॠषि-मुनियों एवं हठयोगियों ने पेट की मांस-पेशियों को सुद्रड़ बनाने की विभिन्न यौगिक तकनीक बताई है। इन यौगिक तकनीकों के द्वारा मानवीय शरीर के पेट संबंधी विकारों को दूर किया जा सकता है तथा पेट के अंगों को स्वस्थ्य रखा जा सकता है। आशा करते हैं कि योग के विभिन्न लाभों को ध्यान में रखते हुए आप योग को जीवनशैलि का अभिन्न अंग बनाऐंगे।
लेखक : ॠषि सिंह
दिनांक : 22nd June 2021
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